प्रॉपर्टी खरीदने से पहले देख लें ये 8 डॉक्यूमेंट – 8 Documents Required Before Buying A Property? जमीन खरीदने से पहले क्या स्टेप्स होने चाहिए और प्रॉपर्टी खरीदने से पहले कौन से डॉक्यूमेंट चेक करना चाहिए?
सही प्लॉट का चुनाव घर बनवाने का सबसे पहला कदम होता है। कुछ लोग प्लॉट इन्वेस्टमेंट के तौर पर लेते हैं तो कुछ लोग प्लॉट पर घर बनवाने के लिए लेते हैं लेकिन कई बार हम प्लॉट खरीदते समय जमीन के डॉक्यूमेंट का ध्यान नहीं रखते है जिसका खामियाजा हमे बाद में भुगतना पड़ता है।
प्रॉपर्टी डीलिंग हमेशा बड़ी रकम में होती है इसलिए हमेशा सावधान रहना चाहिए और कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना चाहिए. एक छोटी सी गलती आपके जीवन भर की कमाई को बर्बाद कर सकती है जिससे आप चाहकर भी कुछ नहीं कर पाएंगे।
दोस्तों आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किसी जमीन को खरीदने से पहले किन डॉक्यूमेंट को चेक करना जरूरी है। साथ ही जानेंगे कि प्लॉट को खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर आपने ये जान लिया तो प्लॉट का चुनाव करते वक्त आपको आसानी होगी तथा भविष्य में होने वाले गलतियों से आप बच सकते हैं और आप कभी भी गलत प्रॉपर्टी डीलर के जाल में नहीं फसेंगे।
प्रॉपर्टी खरीदना क्यों जरूरी है? – Why is it important to buy property?
अपने जीवन में एक प्रॉपर्टी खरीदना सबसे जरूरी फैसला होता है। आप सभी अपने जीवन की कमाई का भारी हिस्सा प्रॉपर्टी खरीदने पर लगाते हैं लेकिन कई बार आप गलत प्रॉपर्टी डीलर के चक्कर में आकर गलत फैसला ले लेते हैं।जिसका परिणाम आपको ही भुगतना पड़ता है। इसलिए हमे सावधान रहना जरूरी है ताकि कोई भी आपकी मेहनत की कमाई को आसानी से ना चुरा सके। प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट की चेकिंग में आपकी लापरवाही आपके जीवन भर की कमाई को 1 मिनट में उड़ा सकती है।
कई बार प्रॉपर्टी डीलर डिस्प्यूटेड प्रॉपर्टी यानी विवादित जमीन को कम पैसों में बेचने की कोशिश करते हैं। ऐसे में किसी भी जमीन या प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले उससे संबंधित सभी दस्तावेज की जांच पड़ताल अच्छे से करें ताकि बाद में कोई समस्या ना हो।
आपको बता दें कि अगर आप कोई घर खरीद रहे हैं तो आपको उसकी वसीयत जरूर करनी चाहिए क्योंकि इससे कई सालों बाद भाई- बहन के बीच में भी विवाद हो सकता है।
दोस्तों चलिए जानते हैं कि प्रॉपर्टी खरीदने से पहले कौन कौन से डॉक्यूमेंट चेक करना चाहिए?
8 महत्वपूर्ण प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट की लिस्ट – 8 Documents Required Before Buying A Property?
- सेल डीड (Sale Deed)
- लोन सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate)
- लैंड यूज परमिशन सर्टिफिकेट (Land Use Permission)
- अप्रूव्ड भवन प्लान (Approved Building Plan)
- प्रॉपर्टी टैक्स या रसीद (Property Tax & Reciept)
- विक्रेता का पहचान (Identity Of Seller)
- अनापत्ति प्रमाण पत्र (No Objection Certification)
- पावर ऑफ अटॉर्नी (Power Of Attorney)
दोस्तों अब हम उपरोक्त सभी डॉक्यूमेंट को एक-एक करके विस्तार से समझते हैं ताकि आपको किसी भी डॉक्यूमेंट को लेकर कोई संदेह न हो। दोस्तों आप सभी से आग्रह करूंगा की इस लेख को विस्तारपूर्वक जरूर पढ़ें। इस लेख को पढ़ने के बाद शायद आपको कोई दूसरा लेख पढ़ने की जरुरत ना पड़े
1. सेल डीड
सेल डीड की यह एक महत्वपूर्ण लीगल डॉक्यूमेंट है जो प्रॉपर्टी के ओनरशिप को दर्शाता है। सेल डीड को बिक्री विलेख भी कहते है। सेल डीड का उपयोग अचल संपत्ति लेनदेन में विक्रेता से खरीदार को स्वामित्व हस्तांतरण के लिए किया जाता है। यह एक प्रूफ है की प्रॉपर्टी पुराने ऑनर से नए ऑनर को ट्रांसफर कर दी गई है।
आप सेल डीड को नजदीकी रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर चेक करा सकते हैं और आप जान सकते हैं कि प्रॉपर्टी का टाइटल क्लियर हो गया है या नहीं। इसका मतलब है कि उस प्रॉपर्टी पर कोई वाद विवाद नहीं है।
2. लोन सर्टिफिकेट
लोन सर्टिफिकेट को Encumbrance Certificate भी कहते हैं। कोई भी प्रॉपर्टी लेने से पहले ये सुनिश्चित करना चाहिए कि उस प्रॉपर्टी पर कोई लोन या देनदारी तो नही है। लोन सर्टिफिकेट सब रजिस्टार ऑफिस द्वारा जारी किया जाता है। यह लोन सर्टिफिकेट बताता है की प्रॉपर्टी पर किसी भी तरह का लेनदेन किया गया है। दूसरे शब्दों में यह कानूनी रूप से एक लेनदेन का प्रूफ है और दर्शाता है कि प्रॉपर्टी का टाइटल क्लियर है।
3. लैंड यूज परमिशन सर्टिफिकेट
लैंड यूज परमिशन सर्टिफिकेट एक कानूनी दस्तावेज़ है जो भूमि का उपयोग करने की अनुमति देता है। यह सार्टिफिकेट आमतौर पर स्थानीय सरकार द्वारा जारी किया जाता है। इसमें बताया जाता है कि जमीन/भूमि का उपयोग किस प्रकार से किया जाना चाहिए। जैसे वाणिज्यि (Commercial या आवासीय (Residential) आदि
दोस्तों जितने भी डेवलपर या कॉलोनाइजर होते हैं उनका रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) से रजिस्टर्ड होने चाहिए। किसी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले डेवलपर, कॉलोनाइजर या डीलर से उसका RERA रजिस्ट्रेशन मांगने के बाद ही आप उनसे प्रॉपर्टी खरीदें।
अगर यह रेरा रजिस्टर्ड डेवलपर कॉलोनाइजर या अन्य प्रॉपर्टी डीलर कोई अवैध कार्य करते हैं तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है क्योंकि इनका पहचान रेरा अथॉरिटी में रजिस्टर्ड होता है।
4. अप्रूव्ड भवन प्लान (Commencement Certificate)
यदि आप घर या मकान ले रहें है तो अप्रूव्ड भवन प्लान (Approved Building Plan) की जांच जरूर करें। भवन का निर्माण प्लान स्थानीय विकास प्राधिकरण या नजदीकी तहसील से बनवा सकते हैं। Approved Building Plan बनवाना जरूरी है ताकि बाद में विकास प्राधिकरण या नगर पालिका प्रॉपर्टी पर आपत्ति जाहिर ना कर सकें।
5. प्रॉपर्टी टैक्स भुगतान और रसीद
प्रॉपर्टी टैक्स एक प्रकार का टैक्स है जो प्रॉपर्टी पर लगाया जाता है। प्रॉपर्टी टैक्स सामान्यत: आपकी ज़मीन और मकान की मूल्यांकन पर आधारित होता है। यह टैक्स स्थानीय सरकार द्वारा लगाया जाता है और इसका इस्तेमाल सामाजिक सेवाओं के लिए होता है।
प्रॉपर्टी खरीदने वाली व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी प्रॉपर्टी टैक्स का बकाया पैसों का पेमेंट कर दिया गया है और इसके लिए टैक्स रिसिप्ट या बिल होना चाहिए।
6. विक्रेता की पहचान
प्रॉपर्टी बेचने वाले व्यक्ति का डॉक्यूमेंट आपके पास होना जरूरी है ताकि बाद में आपके साथ फ्रॉड होने पर आप उस प्रॉपर्टी डीलर पर कार्यवाई कर सकें।
इसके साथ साथ ये भी वेरिफाई करें कि प्रॉपर्टी किसके नाम पर रजिस्टर्ड है, कौन उस प्रॉपर्टी का असली मालिक है? कभी भी प्रॉपर्टी डीलर को बातों पर पूर्ण भरोसा ना करें और भारत सरकार द्वारा सही पहचान जैसे आधार कार्ड, पैन नंबर, पासपोर्ट जैसे डॉक्यूमेंट की कॉपी अपने पास रखें। साथ ही सेलर के पास डोमिसाइल सर्टिफिकेट होना चाहिए।
7. अनापत्ति प्रमाण पत्र -No Objection Certificate
अगर आप प्रॉपर्टी किसी डेवलपर से खरीद रहें हैं तो आप अनापत्ति प्रमाण पत्र की मांग कर सकते हैं। No Objection Certificate एक महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट है जो सुनिश्चित करता है कि सीवेज बोर्ड, प्रदूषण बोर्ड, पर्यावरण विभाग, यातायात विभाग, विकास प्राधिकरण इत्यादि जैसे विभिन्न विभागों को यह प्रॉपर्टी खरीदने पर कोई आपत्ति नहीं है।
8. पावर ऑफ अटॉर्नी (यदि हो)
कई बार पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) के जरिए प्रॉपर्टी बेची जाती है। पावर ऑफ अटॉर्नी की जांच गहनता से करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वही प्रॉपर्टी बेची जा रही है जिसे हम खरीद रहें है। पावर ऑफ अटॉर्नी एक कानूनी दस्तावेज है जो एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को जमीन की बिक्री या अन्य कार्य करने का अधिकार देता है। जिस व्यक्ति को यह अधिकार मिला है उसे एजेंट कहते है।
यह आमतौर पर तब होता है जब मूल मलिक किसी बीमारी से ग्रस्त हो या व्यक्ति विदेश में रहता हो। ऐसी स्थिति में किसी अन्य व्यक्ति को प्रॉपर्टी के बारे में निर्णय लेने के लिए अधिकार दिया जा सकता है। आपको बता दे की पावर ऑफ अटॉर्नी और रजिस्ट्री (बैनामा) अलग-अलग होती है।
दोस्तों ऊपर हमने जाना की घर खरीदने से पहले कौन-कौन से डॉक्यूमेंट की जांच पड़ताल करना चाहिए। चलिए हम लोग अब ये जानते हैं कि प्रॉपर्टी खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
प्रॉपर्टी खरीददार के लिए कुछ टिप्स – Some Tips For Property Buyers?
दोस्तों यहां पर कुछ प्रॉपर्टी बायर्स के लिए कुछ टिप्स दिए गए है। इन टिप्स को फॉलो करके आप प्रॉपर्टी में होने वाले धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
- किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले एजेंट या डेवलपर का RERA रजिस्ट्रेशन आईडी जरूर चेक करें। अगर प्रॉपर्टी किसी कंपनी से ले रहें हो तो कंपनी का बैकग्राउंड चेक करें।
- अपना खुद से रिसर्च किए बिना कोई भी Blank Paper पर साइन करने के लिए सहमत ना हो।
- कोई प्लॉट या घर खरीदने से पहले उससे संबंधित डॉक्यूमेंट की जांच पड़ताल अच्छे तरीके से कर लें। प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट को वेरीफाई करने के लिए आप किसी वकील को भी हायर कर सकते हैं।
- किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले मार्केट का सर्वे जरूर करें ताकि आपको एक अनुमान लगा सके कि वहां का असल में प्रॉपर्टी का रेट कितना है। आप चाहे तो अलग-अलग प्रॉपर्टी डीलर या डेवलपर से बात कर सकते हैं।
- कई बार प्रॉपर्टी डीलर टैक्स रिलैक्सेशन यानी टैक्स में छूट के नाम पर ज्यादा ब्लैक मनी मांगते हैं इसलिए कभी भी ज्यादा ब्लैक मनी ऑफर ना करें।
- अगर जमीन विवादित (Disputed Land) या पट्टे की है तो उस जमीन को कभी ना खरीदें क्योंकि उस जमीन पर कभी भी कब्जा हो सकता है।
- किसी प्रॉपर्टी को खरीदने के लिए प्रॉपर्टी डीलर या डेवलपर को दी गई राशि या भुगतान का ब्यौरा होना चाहिए। कोशिश करें कि सारा पैसा ऑनलाइन या बैंक के माध्यम से ट्रांसफर होना चाहिए।
- अगर आप घर बनाने के लिए प्लॉट ले रहें है तो निचले हिस्से (डूब क्षेत्र) में ना लें वरना बारिश के दिनों में आपको परेशानी हो सकती है।
- प्रॉपर्टी की आस पास नाला, शमशान या कब्रिस्तान आदि नहीं होना चाहिए। इसके अलावा प्लॉट के पास किसी तरह का कोई खंडहर या पुराना कुआं नहीं होना चाहिए।
- प्लॉट खरीदने समय इस बात का ध्यान रखें कि घर का मुख्य दरवाजा दक्षिण दिशा की तरफ ना हो। अगर घर का दरवाजा उत्तर या पूर्व दिशा में हो तो अच्छा है।
निष्कर्ष/Conclusion
दोस्तों प्रॉपर्टी खरीदना किसी चुनौती से कम नहीं है क्योंकि यह एक बड़ा और लंबी प्रक्रिया है और इसमें कई कानूनी और आर्थिक पहलु शामिल है। प्रॉपर्टी खरीदने से पहले सही समझ अच्छी तैयारी और रियल एस्टेट विशेषज्ञों की सहायता लेना जरूरी है।
आज के लेख में हमने जाना की प्रॉपर्टी खरीदने से पहले कौन-कौन से डॉक्यूमेंट की जांच करना जरूरी है (8 Documents Required Before Buying A Property?) साथ ही हमने जाना की प्रॉपर्टी खरीदने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए (Some Tips For Property Buyers?)
उम्मीद करता हूं आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी दोस्तों इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ जरूर साझा करें ताकि अगर वह प्रॉपर्टी लेने की सोच रहे हो तो उपरोक्त बातों का विशेष ध्यान रखें और प्रॉपर्टी में होने वाले धोखाधड़ी से अपने आप को बचा सके।