Khushki Bainama Kya Hota Hai? – जो लोग रियल एस्टेट क्षेत्र में रुचि रखते हैं उन्होंने रियल स्टेट बैनामा शब्द के बारे में सुना होगा। वैसे तो बैनामा कई प्रकार के होते हैं। कई बैनामा के बारे में आप जानते होंगे लेकिन उन्हें में से एक खुश्की बैनामा है।
क्या आपको पता है कि खुश्की बैनामा क्या होता है? (Khushki Bainama Kya Hota Hai?) खुश्की बैनामा को किस नाम से जाना जाता है? और खुश्की बैनामा पर जिला अधिकारी का क्या बयान सामने आया है? भारत में बहुत से ऐसे राज्य है जिन्हे खुश्की बैनामा के बारे में पता नहीं होता है और अगर पता भी होगा तो उसे किसी और नाम से जाना जाता होगा। अधिकतर राज्यों में इसे खुश्की बैनामा के नाम से जानते हैं।
दोस्तों खुश्की बैनामा जानने से पहले सबसे पहले बात कर लेते हैं कि जमीन का बैनामा क्या होता है?
जमीन का बैनामा क्या होता है? – Jameen Ka Binama Kya Hota Hai?
जमीन का बैनामा एक कानूनी डॉक्यूमेंट होता है जो यह दर्शाता है कि प्रॉपर्टी का पूर्णतः मालिकाना हक विक्रेता से खरीदार को ट्रांसफर हो चुका है। बैनामा को जमीन की रजिस्ट्री के नाम से जाना जाता है। बैनामा यह पुष्टि करता है कि जमीन अब खरीददार को ट्रांसफर हो चुकी है। हालांकि बैनामा या रजिस्ट्री के बाद जमीन का दाखिल खारिज करवाना अनिवार्य है। केवल बैनामा करवाने से इससे यह स्पष्ट नहीं होता कि वास्तविक रूप से जमीन का किसके नाम पर हक है या उसका अब स्वामित्व किसके पास है।
खुश्की बैनामा क्या होता है? – Khushki Bainama Kya Hota Hai ?
खुश्की बैनामा एक प्रकार का कानूनी डॉक्यूमेंट है जिसमे जमीन की खरीद बिक्री के सभी नियम और शर्तें लिखी होती है जिनके तहत प्रॉपर्टी ट्रांसफर की जाती है। आसान भाषा में समझें तो जब कोई प्रॉपर्टी किसी को बेची जाती है तो ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट 1882 के अनुसार एक समझौता तैयार किया जाता है, वह समझौता एक प्रकार का प्रारूप होता है जिसे आप रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर उसके आधार पर रजिस्ट्री करवाते है। आमतौर पर प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेज खरीददार को ही पे करना होता है।
खुश्की बैनामा अचल संपत्ति की बिक्री के लिए दो पक्षों के बीच हुई शर्तों का एक कॉन्ट्रैक्ट होता है। खुश्की बैनामा अचल संपत्ति की बिक्री के लिए कॉन्ट्रैक्ट या अनुबंध होता है जिसके तहत संपत्ति की खरीद बिक्री दोनो पार्टियों के बीच तय की गई शर्तों पर होगा।
खुश्की बैनामा पर जिलाधिकारी का बयान
उत्तर प्रदेश के सभी जिले में खुश्की बैनामों पर स्टांप शुल्क की देयता की जांच की जा रही है। अब तक कुल 64 प्रकरणों में 1 करोड़ 4 लाख 30 हजार 710 रुपये के स्टांप शुल्क की चोरी का मामला सामने आया है। खुश्की बैनामा में स्टांप शुल्क की चोरी का मामला सामने आने पर जिलाधिकारी ने समस्त खुश्की बैनामों की जांच करने तथा स्टांप शुल्क वसूली करने के निर्देश दिया थे। खुश्की बैनामों के जांच हेतु 4 सदस्यीय टीम का गठन किया गया था, जिसमें एआईजी स्टांप, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद तथा तहसीलदार सदर सम्मिलित हैं।
क्या होता है बिक्री समझौता? – Sale Agreement Kya Hai?
संपत्ति की बिक्री के बारे में मौखिक रूप से समझौता हो जाने के बाद खरीदार और विक्रेता के बीच बिक्री समझौते पर हस्ताक्षर किए जाते हैं। सेल अग्रीमेंट या बिक्री समझौता में भविष्य की बिक्री के नियमों, शर्तों और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं का जिक्र किया जाता है।
बिक्री समझौता में दोनों पार्टियों के हस्ताक्षर होने के बाद दस्तावेजों को निष्पादन की तारीख से चार महीने के भीतर रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन के लिए पेश किया जाना चाहिए। अगर रजिस्ट्रेशन समय पर नहीं किया गया तो कुछ फाइन भरने के बाद अतिरिक्त चार महीनों का समय और दिया जाता है।
निष्कर्ष / Conclusion
दोस्तों ऊपर हमने जाना की खुश्की बैनामा क्या होता है? (Khushki Bainama Kya Hota Hai?) और खुश्की बैनामा से संबंधित विश्व पर आज हमने आपको जानकारी देने की कोशिश किया है।
उम्मीद करता हूं आपको खुश्की बैनामा के बारे में जानकारी प्राप्त हो गई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं। मुझे आपके सवालों का जवाब देने में खुशी होगी।