क्या गिफ्ट डीड कैंसिल हो सकती है? – गिफ्ट डिड एक प्रकार का दस्तावेज है जिसके माध्यम से की कोई व्यक्ति अपनी आधिकारिक जमीन को अन्य व्यक्ति के अधिकार में सौंप सकता हैं। लेकिन इसके बावजूद यह देखा जाता है कि धोखाधड़ी से गिफ्ट डीड के अनुसार किसी संपत्ति को प्राप्त कर लिया जाता है, तो फिर क्या गिफ्ट डीड कैंसिल हो सकती है? (Can A Gift Deed Be Cancelled?) जो कोई व्यक्ति गिफ्ट डीड के माध्यम से अपनी जमीन को किसी अन्य व्यक्ति के नाम करना चाहता है, तब उसे इस सवाल का जवाब जरुर पता होना चाहिए, ताकि वह किसी प्रकार की धोखाधड़ी से निपट सके। गिफ्ट डिड से जुड़े नए नियमों तथा अन्य महत्वपूर्ण बातों को जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
गिफ्ट डीड कैसे कैंसिल होती है इससे पहले आपको ये जानना जरुरी है कि गिफ्ट डीड क्या होता है? (What Is Gift Deed In Hindi?) तो चलिए सबसे पहले ये जानते हैं की गिफ्ट डीड क्या होता है?
गिफ्ट डीड क्या होती है? – What Is Gift Deed In Hindi?
गिफ्ट डीड (Gift Deed) एक कानूनी दस्तावेज़ होता है जिसमें किसी वस्तु, संपत्ति, या संपत्ति के हिस्से को दान किया जाता है। इसमें एक व्यक्ति या अन्य अधिकारिक व्यक्ति द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति को या संपत्ति को स्थायी रूप से उपहार के रूप में सौंपा जाता है। यह एक संपत्ति के स्वामित्व या मालिकाना हक़ को स्थायी रूप से स्थानांतरण करता है। भारत में गिफ्ट डीड निर्धारित कानूनी प्रक्रिया के तहत बनाया जाता है। यह दस्तावेज़ बहुत समय के लिए संपत्ति के स्वामित्व को स्थायी रूप से स्थानांतरित कर सकता है।
क्या गिफ्ट डीड कैंसिल हो सकती है? – Can A Gift Deed Be Cancelled?
संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम 1882 की धारा 126 के तहत गिफ्ट डिड को रद्द किया जा सकता है, लेकिन इस धारा के अंतर्गत गिफ्ट डिड कैंसिल करने से के लिए कुछ प्रमुख स्थितियों का निर्धारण किया गया है, जिनकों ध्यान में रखते हुए गिफ्ट डीड को रद्द किया जा सकता है, अगर आप, गिफ्ट डीड कब रद्द किया जा सकता है? जैसे सवालों का जवाब ढूढ रहे हैं तब आपको निम्नलिखित कानूनी नियमों को जरूर पढ़ना चाहिए।
- गिफ्ट डीड देने वाले व्यक्ति तथा प्राप्त करने वाले व्यक्ति दोनों के बीच संतोषजनक प्रस्ताव होना जरूरी है, दोनों में से किसी एक की अनुमति के आधार पर गिफ्ट डीड कैंसिल नहीं किया जा सकता।
- गिफ्ट डीड के तहत शुल्क भुगतान प्राप्त ना होने पर इसको रद्द कर किया जा सकता है।
- संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम के अंतर्गत गिफ्ट डीड में किसी तरह की आंशिक दिक्कतों को देखते हुए इसे पूर्ण रूप से रद्द किया जा सकता है।
- एक सामान्य उदाहरण के मध्यनजर अगर कोई व्यक्ति गिफ्ट डीड से प्राप्त किसी संपत्ति का इस्तेमाल किसी विशेष कार्य के उद्देश्य से प्राप्त करता है,, तथा बाद में उसकी जगह संपत्ति का उपयोग कही दूसरी जगह करता है, तब ऐसी अवस्था में गिफ्ट डीड कैंसिल किया जा सकता है।
- अगर किसी व्यक्ति से जबरन गिफ्ट डीड प्राप्त किया गया हो तो वह कोर्ट में प्रूफ के तहत हकीकत साबित करके गिफ्ट डीड कैंसिल करवा सकता है।
- अगर कोई व्यक्ति किसी के बहकावे में आकर, किसी अन्य व्यक्ति को गिफ्ट डीड के अंतर्गत अपनी संपत्ति दे दता है, तब वह कोर्ट में सबूत के साथ गिफ्ट डीड को कैंसिल करवा सकता है।
उत्तर प्रदेश में गिफ्ट डीड का नया नियम क्या है?
अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी है तथा गिफ्ट डीड के तहत अपनी संपत्ति का आदान, प्रदान करना चाहते हैं तब आपको उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित कुछ नए नियमों को जरूर जान लेना चाहिए, जिन्हें आप नीचे पढ़ सकते हैं।
- गिफ्ट डीड के तहत जमीन का मालिक किसी भी अन्य व्यक्ति को अपनी संपत्ति का अधिकार प्रदान कर सकता है।
- अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी है तब गिफ्ट डीड के लिए, मात्र 5000 रुपए के स्टाम्प पेपर खरीदकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
- गिफ्ट डीड के तहत सामान्य लोग ही इसका लाभ उठा सकते हैं, NGO, Coprative, से जुड़े लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
- अगर कोई व्यक्ति गिफ्ट डीड के अंतर्गत पहले किसी संपत्ति को प्राप्त कर चूका है तब अगली बार उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा, इसके बदले उसे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित की गई पुरानी रकम चुकानी पड़ेगी।
गिफ्ट डीड और वसीयत में क्या अंतर है?
सामान्य रूप से देखा जाए तो गिफ्ट डीड और वसीयत एक समान लगते हैं, लेकिन दोनों में कुछ विशेष अंतर है जिन्हें कम लोग ही जानते हैं, अगर आप भी उनमें से एक है और इन दोनों के बीच अंतर जानना चाहते हैं, तब नीचे बताए गए महत्वपूर्ण बातों को जरूर पढ़ें।
गिफ्ट डीड की मुख्य बातें
- गिफ्ट डीड में कानूनी नियमों के अनुसार सरकारी मुहर लगाना अनिवार्य होता है।
- गिफ्ट डीड के तहत एक जीवित व्यक्ति अपने मर्जी से किसी अन्य व्यक्ति को अपनी संपत्ति का अधिकार दे सकता है।
- किसी संपत्ति के मालिक द्वारा एक बार किसी अन्य व्यक्ति को अपनी संपत्ति सौंपने के बाद उसे पुनः वापस प्राप्त करने के लिए वास्तविक प्रूफ की आवश्यकता पड़ती है, जिसके तहत यह स्पष्ट हो कि आपके साथ दोखाधडी हुई है, अन्यथा जमीं का मालिक अपनी भूमि वापस प्राप्त नहीं कर पाएगा।
- गिफ्ट डीड को तैयार होने में मात्र एक दिन का समय लगता है।
वसियत की मुख्य बातें
- वसीयत जैसे कागजात पर किसी प्रकार के पंजीकरण तथा सरकारी मोहर की आवश्यकता नहीं पड़ती।
- वसीयत दस्तावेज के अनुसार संपत्ति अधिकारी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद ही जमीन के मालिक द्वारा अन्य व्यक्ति के नाम की गई जमीन, पूर्ण रूप से उसके अधिकार में होगी।
- संपत्ति के मालिक के जीवित होने के दौरान वसीयतनामा को कभी भी बदला जा सकता है।
- वसीयत दस्तावेज के अनुसार जमीन के मालिक की मृत्यु के बाद ही वसीयत संबंधित सरकारी कार्यवाही हो सकती है।
गिफ्ट डीड में कितना खर्चा आता है?
गिफ्ट डीड में लगने वाले खर्च की बात की जाए तो, भारत के विभिन्न राज्यों के अनुसार सरकारी स्टाम्प का शुल्क निर्धारित किया गया था। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश में गिफ्ट डीड के तहत स्टाम्प्ट शुल्क के लिए 5 % का भुगतान करना पड़ता था। सामान्य तौर पर देखा जाए तो अगर गिफ्ट डीड के तहत प्राप्त की जाने वाली संपत्ति एक करोड रुपए की है, तब जमीन प्राप्तकर्ता को 5 लाख रुपए तक का भुगतान करना पड़ता था, लेकिन हाल में ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए नए नियमों के अनुसार गिफ्ट डीड स्टाम्प का शुल्क मात्र 5000 रुपए बताया जा रहा है, इसके अलावा गिफ्ट डीड रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में 1000 रुपए का शुल्क अतिरिक्त लगेगा, अथार्त गिफ्ट डीड का कुल खर्चा 6000 रुपए होगा।
निष्कर्ष / Conclusion
इस आर्टिकल के अंत तक आपने जाना कि क्या गिफ्ट डीड कैंसिल हो सकती है? (Can A Gift Deed Be Cancelled?) इसके अलवा आपने गिफ्ट डीड से जुड़े महत्वपूर्ण बातों को जाना जोकि बहुत कम लोग जानते हैं। अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं तब आपको आर्टिकल में बताए गए उत्तर प्रदेश में गिफ्ट डीड के नए नियमों को जरुर पढ़ना चाहिए।
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