प्रॉपर्टी में होने वाले फ्रॉड से कैसे बचें? | How To Avoid Property Fraud In India?

प्रॉपर्टी में होने वाले फ्रॉड से कैसे बचें? | How To Avoid Property Fraud In India? : आजकल ज्यादातर चीजें ऑनलाइन मिलने लग गई हैं। हम लगभग हर चीज के लिए के इंटरनेट पर निर्भर होते जा रहे हैं। हम प्रॉपर्टी भी ऑनलाइन सर्च करने लगे हैं।

भले ही ये हमारी सुविधा के लिए हो पर इसी के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी आये दिन होते रहते हैं। जिसमे अब हमें ऑनलाइन प्रॉपर्टी देखने का चलन भी बढ़ा है। ऐसे मे कई रियल एस्टेट प्लेटफॉर्म (ऐप या वेबसाइट) हैं, जिनकी मदद से किराए का घर-ऑफिस या खरीदने के लिए प्रॉपर्टी खोजी जाती है। वैसे तो ये वेबसाइट या ऐप घर ढूंढने में आपका समय बचाते हैं, लेकिन कई बार ये आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं।

दोस्तों आज इस लेख में हम जानेंगे कि प्रॉपर्टी में होने वाले फ्रॉड से कैसे बचे और यह भी की प्रॉपर्टी फ्रॉड से बचने के क्या-क्या उपाय हैं? साथ इसमें हम आपको यह भी बताएंगे कि प्रॉपर्टी से जुड़े 5 महत्वपूर्ण दस्तावेज जरूरी क्या क्या हैं? और अगर आपके साथ प्रॉपर्टी में धोखा हो तो क्या करे?इस लेख को आप अंत तक जरूर पढ़े जिससे  इसकी आपको पूरी जानकारी मिल सके।

प्रॉपर्टी खरीदना एक बड़ा फैसला होता है और इसमें काफी पैसे का निवेश होता है। ऐसे में, यह बहुत जरूरी है कि आप प्रॉपर्टी में होने वाले फ्रॉड से बचें। और जैसा की हम सब जानते हैं प्रॉपर्टी खरीदना या बेचना एक बड़ा निर्णय होता है, जिसमें संभावना होती है कि आप धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं। इसलिए, ध्यानपूर्वक और सतर्क रहना आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आइये जानते हैं की इस फ़्रॉड से बचने के कुछ जरुरी उपायो के बारे मे..

प्रॉपर्टी फ्रॉड से बचने के उपाय : How To Avoid Property Fraud In India?

प्रॉपर्टी में होने वाले फ्रॉड से कैसे बचें? | How To Avoid Property Fraud In India?

यहाँ प्रॉपर्टी फ्रॉड से बचने के कुछ अधिक विस्तृत उपाय दिए हैं :

  • खसरा/खाता नंबर की जांच
  • वाद विवाद मुक्त संपत्ति
  • विक्रेता की पहचान
  • प्रॉपर्टी का टाइटल
  • लोन मुक्त संपत्ति
  • हिडेन चार्जेस

चलिए सभी टॉपिक को विस्तार पूर्वक जानते हैं। Let us know all the topics in detail

  1. खसरा/खाता नंबर की जांच : प्रॉपर्टी की खरीदारी से पहले, आपको उसके खसरा और खाता नंबर की जांच करनी चाहिए। यह आपको यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि संपत्ति किसके नाम है और क्या उस पर कोई विवाद है।
  2. वाद विवाद मुक्त संपत्ति : प्रॉपर्टी की साफ़-सुथरी और वाद विवाद मुक्त होना भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए, आपको स्थानीय रजिस्ट्री कार्यालय जाकर संपत्ति की पूर्णता की जांच करनी चाहिए।
  3. विक्रेता की पहचान : प्रॉपर्टी की खरीद में, विक्रेता की पहचान को ध्यान में रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आपको विक्रेता के पूर्ण विवरण, जैसे कि स्थायी पता, पहचान प्रमाण, आदि की जांच करनी चाहिए।
  4. प्रॉपर्टी का टाइटल : प्रॉपर्टी का स्वामित्व सिर्फ उसके टाइटल द्वारा ही स्थापित होता है। इसलिए, आपको प्रॉपर्टी के टाइटल की सत्यापन करना चाहिए।
  5. लोन मुक्त संपत्ति : अगर आप प्रॉपर्टी को लोन के माध्यम से खरीद रहे हैं, तो आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि संपत्ति लोन मुक्त है। यह आपको भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या से बचा सकता है।
  6. हिडेन चार्जेस : कई बार, प्रॉपर्टी की खरीद में छिपे हुए शुल्क और चार्जेस होते हैं। इसलिए, आपको सारे डॉक्यूमेंट्स को ध्यान से पढ़ना चाहिए और किसी भी ऐसे छिपे हुए शुल्क की जांच करनी चाहिए
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ऊपर दिए सभी उपायों के बारे में अच्छे से जानने के बाद ही किसी प्रॉपर्टी को खरीदें। ये सभी उपाय आपको प्रॉपर्टी फ्रॉड से बचाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा आप किसी वकील से कानूनी सलाह भी ले सकते हैं। चलिए हमलोग अब ये जानते हैं कि प्रॉपर्टी से जुड़े 5 महत्वपूर्ण दस्तावेज कौन कौन से हैं। – 5 Important Documents Related To Property?

प्रॉपर्टी से जुड़े 5 महत्वपूर्ण दस्तावेज जरूर चेक करें – 5 Important Documents Related To Property?

प्रॉपर्टी में होने वाले फ्रॉड से कैसे बचें? | How To Avoid Property Fraud In India?

प्रॉपर्टी से जुड़े पांच महत्वपूर्ण दस्तावेज़ निम्नलिखित हैं, जो प्रॉपर्टी संबंधी सौदे के समय आपकी सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं:

  1. खाता संख्या – यह नंबर प्रॉपर्टी की पहचान के लिए महत्वपूर्ण होता है और आपको संपत्ति के साक्ष्यों की जाँच करने में मदद करता है।
  2. टाइटल डीड – टाइटल डीड सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक है जिसे घर या जमीन खरीदने से पहले सत्यापित किया जाना चाहिए. इससे पता चलता है कि संबंधित संपत्ति के स्वामित्व हस्तांतरण, विभाजन, रूपांतरण, उत्परिवर्तन आदि के संबंध में कोई समस्या नहीं है. साथ ही जिस भूमि पर फ्लैट फिर घर बना होता हैं यां फिर कानूनी रूप से खरीदी गई हैं जिसके अंतर्गत आप चाहें तो किसी कोर्ट मे यां फिर वकील के माध्यम से इस दस्‍तावेज को सत्‍यापित करवा सकते हैं।
  3. प्रॉपर्टी रजिस्ट्री – रजिस्ट्री दस्तावेज़ संपत्ति के स्वामित्व को साबित करता है और आपको आधिकारिक रूप से मालिकत का प्रमाण प्रदान करता है।
  4. कमेंसमेंट सर्टिफिकेट- इसे कंस्ट्रक्शन क्लियरेंस सर्टिफिकेट के रूप में जाना जाता है और इसे फ्लैट या निर्माणाधीन संपत्ति को खरीदने से पहले ले जान ले वरना बाद में आपको कई तरह की परेशानी हो सकती है. और साथ ही भविष्य मे कई समस्या भी आ सकती है।
  5. खरीदार की पहचान प्रमाण – खरीदार की पहचान के लिए आधार कार्ड, पासपोर्ट, या कोई अन्य सरकारी पहचान प्रमाण जरूरी होता है।

इन दस्तावेज़ों की सही और पूरी जाँच करना प्रॉपर्टी खरीदारी या विक्रय के समय आपकी सुरक्षा और निवेश की सुरक्षा में मदद करेगा। दोस्तों जब भी आप कोई जमीन या घर लें तो उसका दाखिल खारिज जरूर करवाएं। जमीन या घर की रजिस्ट्री के साथ साथ दाखिल ख़ारिज एक महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट है। दाखिल ख़ारिज से ही प्रॉपर्टी का मालिकाना हक़ मिल पाता है।

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प्रॉपर्टी में धोखा हो तो क्या करे? – What To Do If There Is Fraud In Property?

प्रॉपर्टी में होने वाले फ्रॉड से कैसे बचें? | How To Avoid Property Fraud In India?

प्रॉपर्टी में धोखाधड़ी का शिकार होने पर, आपको निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए :

  1. कानूनी सलाह लें : पहले कदम के रूप में किसी प्राधिकृत वकील से संपर्क करें और अपने मामले की विश्लेषण करने के लिए कानूनी सलाह लें।
  2. आपत्ति दर्ज करे : अपने लाभ के लिए, स्थानीय पुलिस स्थानीय थाने में आपत्ति दर्ज करें। इससे आपका मामला दर्ज होगा और आपको न्याय मिलेगा।
  3. विश्वासनीय संस्था से संपर्क करें : अगर आपको धोखाधड़ी के शिकार होने का अनुभव है, तो आप किसी विश्वासनीय संस्था जैसे कि ग्राहक संरक्षण एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं।
  4. आधिकारिक अदालत में याचिका दायर करें : यदि मामला गंभीर है, तो आप आधिकारिक अदालत में याचिका दायर कर सकते हैं। एक कुशल वकील के साथ सलाह करें और आपके हक की रक्षा के लिए कदम उठाएं।

इन कदमों की मदद से, आप अपने प्रॉपर्टी से होने वाले धोखाधड़ी का सामना कर सकते हैं और अपने हक की रक्षा कर सकते हैं।

लेकिन अगर आप रियल एस्टेट फ्रॉड के शिकार हो गए हैं तो भारतीय कानून रियल एस्टेट (रेग्युलेशन एंड डेवेलपमेंट) एक्ट 2016 (रेरा / RERA) के तहत अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। ये कानून रियल एस्टेट क्षेत्र को विनियमित (रेग्युलेट) करना और घर खरीदारों की समस्याओं का समाधान करता है। RERA कानून के सेक्शन 31 के हिसाब से रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA Ofiice) में जाकर एजेंट्स रियल एस्टेट कंपनी, डेवलपर, बिल्डर, प्रमोटरो और ब्रोकर्स और के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। जिससे की RERA रेगुलेटरी अथॉरिटी द्वारा उनके खिलाफ सख्त से सख्त कारवाई की जाएगी।

निष्कर्ष/Conclusion

प्रॉपर्टी फ्रॉड से बचने के लिए, ध्यानपूर्वक जांच और सटीक अध्ययन की आवश्यकता है। सभी दस्तावेजों की सहीता की जांच करें, और किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में तुरंत कानूनी सलाह लें।प्रॉपर्टी में होने वाले फ्रॉड से बचने के लिए अच्छे संरचित योजना और सटीक जाँच की आवश्यकता होती है। निवेश करने से पहले, पूरी तरह से संपत्ति की जाँच करें और सभी दस्तावेज़ों की सत्यापन करें।

यदि कोई संदेह हो, तो कानूनी सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है। सतर्क रहें, संदेहजनक संकेतों को न नजरअंदाज करें, और अपने निवेश को सुरक्षित बनाए रखें। इससे न केवल आप अपने निवेश को सुरक्षित रखेंगे, बल्कि आप भविष्य में होने वाली किसी भी संभावित संदेहजनक परिस्थिति से भी बचेंगे। ध्यान दें और सावधान रहें, ताकि आप अपनी प्रॉपर्टी सौदे में सुरक्षित रहें।

दोस्तों आज के इस लेख मे प्रॉपर्टी में होने वाले फ्रॉड से कैसे बचे और साथ ही इसमें हमने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की जिससे आपको सही जानकारी मिल सके और साथ ही भविष्य में आने वाले ऐसे तमाम फ़्रॉड से सावधान रहे

उम्मीद करती हूं कि आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और साथी अगर आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं।

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