जमीन की धारा 143 क्या है? – What Is 143 Land Use? | Advantages Of Section 143

What Is 143 Land Use? – दोस्तों भारत में ऐसे बहुत किसान होंगे जो अपनी खेती की जमीन को भूमि अधीनियम की धारा 143 में कन्वर्ट कराना चाहते हैं लेकिन उनमें से कई किसान होंगे जिनको भूमि अधिनियम की धारा 143 के बारे में जानकारी नहीं होगी। आपको बता दें कि अगर कोई किसान अपनी खेती वाली जमीन पर खेती के अलावा कुछ और करना चाहते हैं तो वह ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि ऐसा करना पूरी तरह से Illegal माना जाता है।

दोस्तों आज के इस लेख में हमलोग बात करेंगे की जमीन की धारा 143 क्या है? जमीन की धारा 143 का क्या उद्देश्य और उसके क्या फायदे हैं और अंत में जानेंगे की अगर आप अपनी जमीन का धारा 143 करवाते हैं तो कौन कौन से डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है? इन्ही सभी बिंदुओं पर हम आपको विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे।

तो चलिए सबसे पहले ये जानते हैं कि जमीन की धारा 143 क्या है?

जमीन की धारा 143 क्या है? – What Is 143 Land Use?

उत्तर प्रदेश में भूमि सुधार अधिनियम में कई धाराएं है उनमें से एक 143 धारा है। इस धारा में जब कोई किसान या भूमिधर व्यक्ति अपनी कृषि भूमि को कृषि के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग करना चाहता है जैसे कि :– आवास के लिए, दुकान के लिए, स्कूल या अस्पताल के लिए उपयोग करना चाहता है तो उस व्यक्ति को अपने जिले के नजदीकी तहसील में जाकर भूमि का भू -उपयोग (Land use) बदलवाने के लिए आवेदन करना होता है। यह आवेदन धारा 143 के अन्तर्गत होता है जिस पर भू-उपयोग बदलने की कार्यवाही की जाती है।

धारा 143 में कृषि भूमि को अकृषि भूमि में बदले जाने के बाद आप अपने जमीन पर आप प्लॉट, घर, मकान, स्कूल, हॉस्टल, अन्य बिजनेस करने के लिए उपयोग में ले सकते हैं। अगर आपने जमीन की धारा 143 के अंतर्गत Land Use Change नही करवाया है और आप उस कृषि भूमि पर प्लॉटिंग, घर या अन्य बिजनेस कर रहें है तो ऐसे में कानूनी रूप से अवैध कार्य कर रहे हैं। बाद में आपको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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जमीन की धारा 143 ना होने के नुकसान?

जमीन की धारा 143 क्या है? - What Is 143 Land Use? | Advantages Of Section 143

अगर कोई व्यक्ति जमीन की धारा 143 यानी Land Use में नहीं बदलवाते है तो इस स्थिति में उस व्यक्ति पर कानूनी मुकदमा भी हो सकता है और उसे 3 साल की जेल और जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है। राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिनियम 143 की धारा इसलिए बनाई गई है ताकि वह अपनी जमीन को इस कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से जमीन को बदल सकते हैं और वहां पर कोई दूसरा काम कर सकते हैं।

नोट – अगर आपकी जमीन उपजाऊ है, उसके बावजूद भी आप जमीन की धारा 143 में परिवर्तन कराना चाहते हैं तो जमीन परिवर्तित नही होगा क्योंकि ऐसे में सरकार को लगता है की आप अपने फायदे के लिए ऐसा कर रहें हैं।

अगर आपकी कोई आपका कोई प्लॉट है तो वहां पर धारा 143 की कोई मतलब नहीं अगर आपका कोई स्कूल है और स्कूल में कोई प्लेग्राउंड है या मान लीजिए आपका कोई उद्योग है आपकी कोई फैक्ट्री है तो वहां पर धारा 143 का कोई भी मतलब नहीं है सिर्फ और सिर्फ धारा 143 का जो मतलब है धारा 141 का जो संबंध है वह सिर्फ और सिर्फ कृषि परपस से जो जमीन उसे हो रही है जिस पर कोई कृषि कार्य हो रहा है जिस पर खेती की जा रही है जो खेती की जमीन है उसी से संबंध धारा 143 रखती है।

अब सबसे महत्वपूर्ण भाई बात आती है की धारा 143 के फायदे क्या होते हैं ?

जमीन की धारा 143 के फायदे?

  • उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश अधिनियम के अंतर्गत 143 धारा घोषित करने पर आप उसे जमीन पर प्लाटिंग घर मकान दुकान या बिजनेस परपस से उपयोग कर सकते हैं।
  • सरकार द्वारा किसी विकास कार्य में अगर आपकी जमीन अधिकृत होती है तो आपको पूर्ण मुआवजा मिलता है।
  • जमीन को धारा 143 में घोषित करने पर आपकी जमीन सुरक्षित रहती है और किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई की चिंता नहीं रहती है।
  • जमीन को धारा 143 के अंदर घोषित करने पर आप पुनः उस जमीन को खेती के लिए उपयोग नहीं कर सकते हैं।

चलिए अब बात करते हैं सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न के बारे में कि भूमि अधिनियम की धारा 143 का उद्देश्य क्या है? और उसकी जरूरत कब पड़ती है?

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भूमि अधिनियम की धारा 143 का उद्देश्य क्या है?

उत्तर प्रदेश में जमींदारी विनाश एवं भूमि सुधार अधिनियम 1950 की धारा 143 की जरूरत जमीन के उपयोग को चेंज करने के लिए होता है।
जैसे मानलीजिए आपका कोई जमीन है जिस पर आप खेती कर रहे हैं और यदि आप उस जमीन पर घर, स्कूल, उद्योग या बिजनेस करना चाहते हैं तो वहां पर उस जमीन का धारा 143 कराना बहुत जरूरी है क्योंकि कृषि की जमीन पर आप घर निर्माण नहीं कर सकते, आप कोई भी स्कूल नहीं बनवा सकते और ना ही कोई बिजनेस कर सकते हैं। आप कानूनी रूप से उस जमीन पर कृषि से हटकर अन्य कार्य नहीं कर सकते हैं।

अगर आपने जमीन को धारा 143 के अंतर्गत घोषित नही करवाया है और आप बिना अनुमति की उस जमीन पर प्लाटिंग करेंगे तो यह गैर कानूनी है। कानूनी रूप से यह अवैध है।

अगर आप अपने कृषि जमीन को Land Use में बदलना चाहते हैं तो उस प्रक्रिया के दौरान आपको कुछ जरूरी दस्तावेज का होना बहुत जरूरी है। अगर आपके पास उनमें से कोई भी एक चीज नहीं रही तो आप यह प्रक्रिया पूरा नहीं कर पाएंगे इसलिए नीचे जरूरी दस्तावेज के नाम दिए गए है वह कुछ इस प्रकार है –

जमीन की धारा 143 कराने के लिए कौन कौन से डॉक्यूमेंट लगते हैं?

जमीन की धारा 143 क्या है? - What Is 143 Land Use? | Advantages Of Section 143

जमीन की धारा 143 कराने के लिए निम्न डॉक्यूमेंट की आवश्यकता हो सकती है। इन सभी डॉक्यूमेंट को अपने नजदीकी निबंधन कार्यालय जाकर जमीन की धारा 143 के अंतर्गत आवेदन दें सकते है।

  • पहचान प्रमाण पत्र
  • सेल डीड
  • उत्परिवर्तन दस्तावेज
  • सर्वेक्षण मानचित्र
  • भूमि राजस्व शुल्क
  • आरटीसी (अधिकारों और फसलों का रिकॉर्ड)
  • विभाजन कार्य (यदि आपको जमीन विरासत में मिली हो)

निष्कर्ष

दोस्तों अगर आप अपने कृषि भूमि को अकृषि या फिर आवासीय जमीन में कन्वर्ट करना चाहते हैं तो भूमि अधिनियम की धारा 143 बहुत जरूरी है। यह एक ऐसा धारा या नियम है जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू किया है। अगर आप भी अपनी जमीन का Land Use Change बदलना चाहते हैं तो आप अपने नजदीकी तहसील में जाकर आवेदन दे सकते हैं। आवेदन देने के लिए उपरोक्त डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है।

दोस्तों उम्मीद करता हूं आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। ताकि कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले उसे पूरी जानकारी हो। अगर आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं

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7 thoughts on “जमीन की धारा 143 क्या है? – What Is 143 Land Use? | Advantages Of Section 143”

  1. Sir ye puchna tha k agr kisi jameen pr dhara 143 lgi ho aur vo jameen aur uske side vali jameen kisi sarkari yojna m aa jate h to muavza alag alag hoga ya phir jis jameen pr dhara 143 lgi h vha se 100m k range m dhara 143 hi mani jayegi

    Reply
  2. Sir, please guide me for following:
    a) developer ne agriculture jameen khareed kar 143 Kara liya aur plotting kar ke bech diya.
    Khatauni main developer ka naam hai poora ghata ka .
    Plot owner ko khatauni main apna naam chadane ke jaroorat hai kya?

    Plot owner

    Reply
  3. Hello Sir!
    143 pass colony mai Delar ko kya kya shubidha dena jaruri hai ?
    Like – light, Pani nikasi k lye nali, Mandir & Park agar ye sub cheeze na de to property delar pr case kr sakte hain?

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