Virtual Office Space Kya Hota Hai? | वर्चुअल ऑफिस स्पेस के 5 फायदे और नुकसान

Virtual Office Space Kya Hota Hai? – भारत में अधिकतर लोग अपनी कमाई का ज्यादातर हिस्सा प्रॉपर्टी में लगाते है और बाकी पैसा गोल्ड, म्युचुअल फंड, स्टॉक और फिक्स डिपोजिट जैसे Assets में होती है। ऐसे में जो प्रॉपर्टी खरीदने वाले इच्छुक लोग हमेशा कंफ्यूज रहते हैं कि प्रॉपर्टी में कहां निवेश करना चाहिए। प्रॉपर्टी में निवेश करना किसी भी इंसान के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है और खासकर इंडिया में जहां प्रॉपर्टी से लोगों की भावना जुड़ी होती हैं।

हम अक्सर प्रॉपर्टी को त्योहारों पर ही खरीदना पसंद करते हैं तो ऐसे में प्रॉपर्टी का सही चुनाव बहुत जरूरी होता है। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि वर्चुअल स्पेस (Virtual Office Space) क्या होता है? वर्चुअल स्पेस के फायदे क्या है? वर्चुअल स्पेस के नुकसान क्या है? इन सभी टॉपिक पर बात करेंगे। दोस्तों इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े ताकि आपको एक अच्छी जानकारी मिल सके।

अगर आप भी रियल एस्टेट क्षेत्र में वर्चुअल स्पेस को लेकर बहुत ज्यादा कंफ्यूजन रहते है कि वर्चुअल स्पेस में ओनरशिप राइट मिलती हैं या नहीं? वर्चुअल स्पेस सेल हो पाती है नहीं। क्या वर्चुअल स्पेस का Physical Possession मिलता है? क्या अपना ऑफिस इसमें खोल पाएंगे या नहीं? इन्हीं सब प्रश्नों के हम आपको जानकारी देंगे। साथ ही वर्चुअल स्पेस के कुछ फायदे और नुकसान के बारे में भी जानकारी देंगे। तो चलिए सबसे पहले बात करते हैं कि Virtual Office Space (वर्चुअल ऑफिस स्पेस) Kya Hai?

वर्चुअल स्पेस क्या होता है? – Virtual Space Kya Hota Hai?

क्या आप एक ऐसे ऑफिस स्पेस के बारे में सोच सकते हैं जहां आप फिजिकली नहीं रह सकते, उस ऑफिस की कोई भी चाबी नहीं है और वहां पर आपका कोई भी Staff या Employee नहीं है। ये सब सोच कर भी बड़ा अजीब लगता है लेकिन जैसा कि आप जानते हैं टेक्नोलॉजी हर क्षेत्र में पहुंच चुकी है और अब यह मुमकिन सा हो गया है। जी, हां हम वर्चुअल ऑफिस स्पेस के बारे में बात कर रहें है।

परिभाषा – वर्चुअल ऑफिस स्पेस एक ऐसा स्पेस होता है जो लॉक करने योग्य नहीं है। आप भौतिक रूप से उस स्थान तक नहीं पहुंच सकते हैं।

अगर हम इसे आसान भाषा में समझे तो वर्चुअल ऑफिस स्पेस खरीदना मतलब एक शेयर मार्केट के आईपीओ में निवेश करने जैसा है – आपको उस कंपनी का शेयर तो मिलेगा, लेकिन उस पर आपका अधिकार नहीं है। आप चाहे तो उस शेयर को खरीद या बेच भी सकते हैं। ठीक उसी प्रकार जब आप एक वर्चुअल ऑफिस स्पेस खरीदते हैं, तो आप इमारत के एक हिस्से में निवेश करते हैं जहां पर सब कुछ वर्चुअल होता है। वर्चुअल ऑफिस स्पेस का आपको फिजिकल पोजीशन नहीं मिलता है लेकिन आपके इसके पास ओनरशिप राइट होते हैं और आपके नाम पर प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होती है।

वर्चुअल ऑफिस स्पेस के फायदे – Advantages Of Virtual Office Space?

Virtual Office Space Kya Hota Hai? | वर्चुअल ऑफिस स्पेस के 5 फायदे और नुकसान

वर्चुअल ऑफिस स्पेस के निम्नलिखित फायदे हैं जिनमें से 5 महत्वपूर्ण फायदे नीचे दिए गए हैं।

1. बिजनेस को प्रोफेशनल बनाता है

वर्चुअल ऑफिस स्पेस (Virtual Office Space) बिजनेस को प्रोफेशनलिज्म बना देता है। जैसे मानलीजिए आपका आईटी कंपनी का बिजनेस है और आपका वर्चुअल ऑफिस स्पेस बंगलौर में है। बंगलौर में आईटी कंपनी होने से आपके क्लाइंट पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। इस मेलिंग ऐड्रेस को आप अपनी वेबसाइट या विजिटिंग कार्ड पर भी यूज कर सकते हैं। इसके अलावा आप इस एड्रेस को यूज करके अपनी कंपनी का करंट अकाउंट भी खुलवा सकते हैं और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी करवा सकते हैं।

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2. कम रेट में मिलता है

नोएडा के अंदर 5 लाख से 6 लाख में वर्चुअल ऑफिस स्पेस शुरू हो जाता है वहीं अगर बंगलौर की बात करें तो 7 लाख से 10 लाख तक में मिल जायेगा। आप जितना बड़ा साइज या ज्यादा पैसा लगाएंगे तो उसी हिसाब से प्रमोशन में आपके एरिया मिल जाएगा। इसको आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि किसी कंपनी के आपने स्टोक्स लिए है, उसी प्रकार आपने किसी बिल्डिंग में वर्चुअल स्पेस लिया।

3. मेंटेनेंस की चिंता नहीं

आपको मेंटेनेंस चार्ज नहीं देना होता है क्योंकि ये कोई फिजिकल स्पेस नहीं है जहां पर कुछ मेनटेन करना पड़े। वर्चुअल स्पेस में आपको अपने स्पेस का कोई मेंटेनेंस और रिपेयर चार्ज नहीं पे करना होता है साथी इसमें आपको किसी प्रकार की कोई ब्रोकरेज भी नहीं देनी होती है जिससे सभी लोगों के लिए सुविधाजनक रहता है।

4. Rent का अच्छा सोर्स

अगर आपने एक वर्चुअल ऑफिस स्पेस खरीदा है तो एक बार किसी कंपनी से एग्रीमेंट हो गया तो 9 साल या 15 साल तक इसमें रेंट आता रहता है। आपको हर 11 महीने बाद एग्रीमेंट को रिन्यू नहीं करना पड़ता है। वर्चुअल स्पेस लेने के लिए आपको किसी ब्रोकर से बात नहीं करनी है। एक बार आपकी यूनिट लीज हो गई तो लॉन्ग टर्म आपको 15 साल से 21 साल तक रेंट आता रहेगा। आप एक वर्चुअल ऑफिस स्पेस से हर महीने ₹1500 तक का रेंटल इनकम प्राप्त कर सकते हैं।

5. बिजनेस हैंडलिंग आसान

जब आप वर्चुअल ऑफिस स्पेस लेते है तो आपके बिजनेस के लिए एड्रेस, प्रोफेशनल ईमेल, और एक टेलीकॉलर Appoint किए जाते है जिससे आप कहीं भी रहें, आपके बिजनेस को हैंडल किया जा सके। ये समझिए की आपका कोई भी कर्मचारी वहां नही है और आप घर बैठे ही अपने बिजनेस को चला रहे हैं। बस आपको एक अच्छे शहर में वहां का एड्रेस मिला है। उस एड्रेस पर आप कुरियर भी रिसीव कर सकते हैं। वर्चुअल ऑफिस स्पेस का इस्तेमाल करके आप 90% तक अपने बिजनेस का खर्च बचा सकते हैं।

6. बैठक कक्ष और मीटिंग रूम

हालांकि आजकल वर्चुअल ऑफिस स्पेस में मीटिंग के लिए बैठक कक्ष और मीटिंग रूम की सुविधा होती है। है यदि किसी को अपने बिजनेस से संबंधित मीटिंग करनी है तो अपने सभी कर्मचारियों के साथ मीटिंग रूम में जाकर मीटिंग कर सकता है लेकिन इन स्थानों का इस्तेमाल करने के लिए आपको अलग से चार्ज देना और बुक करना होता है।

दोस्तों ऊपर हमने आपको वर्चुअल ऑफिस स्पेस के फायदे के बारे में बताया है। चलिए अब हम वर्चुअल ऑफिस स्पेस के नुकसान के बारे में जानते है।

वर्चुअल ऑफिस स्पेस के नुकसान – Disadvantages Of Virtual Office Space?

Virtual Office Space Kya Hota Hai? | वर्चुअल ऑफिस स्पेस के 5 फायदे और नुकसान

वर्चुअल ऑफिस स्पेस (Virtual Office Space) के कुछ नुकसान भी होते है जैसे :–

1. टीम में अलगाव

जब किसी फिजिकल ऑफिस में लोग काम करते हैं तो उनमें आपसे तालमेल होता है जिससे आपका बिजनेस की ग्रोथ होती है जबकि वर्चुअल ऑफिस स्पेस में काम करने वाले टीम के सदस्यों के बीच अलगाव के संभावना बढ़ जाती है जिससे आपके बिजनेस की सही ट्रैकिंग नहीं हो पाती है।

2. सामाजिक संगठन

किसी भी बिजनेस की ग्रोथ के लिए सामाजिक संगठन होना बहुत जरूरी है। जैसे की टीम बिल्डिंग और कल्चर डेवलपमेंट, डिसीजन मेकिंग, प्रोबलम सॉल्विंग आदि। जब आप एक वर्चुअल ऑफिस स्पेस लेते हैं तो टीमों के अलगाव के कारण बिजनेस से संबंधित सही फैसले नहीं ले पाते हैं जिससे बिजनेस की प्रोडक्टिविटी कम हो जाती है।

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3. टेक्नोलॉजी की समस्याएं

जब सारे कर्मचारी किसी एक बिल्डिंग में काम करते हैं तो हमें पता होता है कि इंटरनेट कनेक्शन, सॉफ्टवेयर, और अन्य तकनीकी समस्याएं क्या है जबकि वर्चुअल स्पेस में सभी कर्मचारी अलग-अलग जगह पर होते हैं जिससे इंटरनेट कनेक्शन, सॉफ्टवेयर बग्स, और अन्य तकनीकी समस्याएं आने की संभावना होती है।

क्या वर्चुअल ऑफिस स्पेस में इन्वेस्ट करना सही है? – Is it Worth Investing in Virtual Office Space?

वर्चुअल ऑफिस स्पेस (Virtual Office Space) में इन्वेस्ट करना आपकी जरूरतों पर डिपेंड करता है। अगर आप एक लंबे समय के लिए वर्चुअल स्पेस में निवेश करेंगे तो बेशक आपको एक अच्छा रिटर्न दे सकता है क्योंकि जब आप वर्चुअल स्पेस में इन्वेस्ट करते हैं तो कुछ सालों के बाद आपका कैपिटल एप्रिशिएसन भी होगा और एक FD से बेहतर रिटर्न भी मिलेगा।

अगर आप शॉर्ट टर्म के लिए वर्चुअल ऑफिस स्पेस खरीदते हैं तो फिर आपके लिए यह अच्छा ऑप्शन नहीं है। आप किसी लॉकेबल ऑफिस या कमर्शियल प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट कर सकते हैं।

कई बार लोग कंफ्यूज रहते हैं कि वर्चुअल ऑफिस और फिजिकल ऑफिस में क्या अंतर होता है। दोस्तों हमारी कोशिश रहती है कि हम अपने ब्लॉग के माध्यम से आपको विस्तृत जानकारी देने की कोशिश करें तो चलिए जानते हैं कि वर्चुअल ऑफिस और फिजिकल ऑफिस में क्या अंतर होता है और कौन सा आपके लिए सही रहेगा।

वर्चुअल ऑफिस और फिजिकल ऑफिस में अंतर – Difference Between Virtual Office Space and Physical Office Space?

Virtual Office Space Kya Hota Hai? | वर्चुअल ऑफिस स्पेस के 5 फायदे और नुकसान

वर्चुअल ऑफिस (Virtual Office Space)

दोस्तों दोस्तों कोविड-19 के बाद अधिकतर टेक कंपनियां और स्टार्टअप्स Work From Home से ऑपरेट कर रहे हैं। ऐसे में वर्चुअल ऑफिस काफी फायदेमंद होते हैं। आप अपने कर्मचारियों का ट्रैवल टाइम बचा सकते हैं उसके साथ-साथ बहुत सारे ऑफिस से जुड़े खर्चो को भी कम कर सकते हैं। वर्चुअल ऑफिस में आप फिजिकल मीटिंग के लिए वीडियो कॉल एप्स जैसे की जूम, गूगल मीट के द्वारा अपने एंप्लॉय के साथ जुड़ सकते हैं। बस एक सही इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत है और आप कहीं और कभी भी अपना काम कर सकते हो।

अगर आप किराए पर वर्चुअल ऑफिस लेते हैं तो काफी कम किराया देना होता है। जैसे कि 1000 रुपए प्रति महीने। यह शहरों और साइज के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है।

फिजिकल ऑफिस (Physical Office Space)

वहीं दूसरी तरफ फिजिकल ऑफिस की बात करें तो फिजिकल ऑफिस में काफी सारे खर्चे होते हैं जैसे की ट्रैवल खर्च, साफ सफाई खर्च, इलेक्ट्रिसिटी खर्च आदि। अगर आप एक नया बिजनेस स्टार्ट करते हैं तो इन सभी खर्चो को देखते हुए अपना व्यापार शुरू करें। कई बार यह सभी खर्च आपके बिजनेस के प्रॉफिट पर असर डाल सकती है। अगर आप फिजिकल किराए पर ऑफिस लेते हैं तो हर महीने लगभग 10000 से 50000 तक किराया देना पड़ सकता है। यह शहरों और साइज के हिसाब से कम या ज्यादा होता है।

निष्कर्ष / Conclusion

कोराना काल के बाद घरों से काम करना अब आम बात हो गया है। अब लगभग सभी कंपनियां अपने वर्करों का काम Work From Home में बदल दिया है। वहीं नए-नए स्टार्टअप या कंपनियां भी अपने फिजिकल ऑफिस स्पेस को वर्चुअस ऑफिस (Virtual Office Space) में बदल दिया है। वर्चुअल ऑफिस में आप घर बैठे काम कर सकते हैं Zoom जैसे प्लेटफार्म से अपने एम्प्लॉय के साथ बात करके अपने काम को मैनेज कर सकते है।

दोस्तों इस लेख में हमने जाना की वर्चुअल ऑफिस स्पेस (Virtual Office Space) क्या होता है वर्चुअल ऑफिस स्पेस खरीदने के फायदे और क्या नुकसान है? साथी हमें जाना की फिजिकल ऑफिस और वर्चुअल ऑफिस में क्या अंतर होता है।
उम्मीद करता हूं आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और अगर आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमें नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।

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