प्रॉपर्टी टैक्स क्या होता है? – What Is Property Tax In Hindi? – अगर आपने भी अपने जीवन में कोई प्रॉपर्टी खरीदी है तो अपने प्रॉपर्टी टैक्स के बारे में जरूर सुना होगा। मगर क्या आपको पता है कि यह प्रॉपर्टी टैक्स क्या होता है? (What Is Property Tax In Hindi?)
भारत में काफी सारे लोग होंगे जिन्होंने आज तक प्रॉपर्टी टैक्स को नहीं भरा होगा। आज के इस लेख में हम लोग जानेंगे की प्रॉपर्टी टैक्स क्या होता है? प्रॉपर्टी टैक्स क्यों लगता है? प्रॉपर्टी टैक्स न भरने पर कितना जुर्माना देना होता है? इन सभी बिंदुओं पर हम एक-एक करके बात करेंगे तो चलिए सबसे पहले यह जानते हैं की प्रॉपर्टी टैक्स क्या होता है? (What Is Property Tax In Hindi?)
प्रॉपर्टी टैक्स क्या होता है ? What Is Property Tax In Hindi?
प्रॉपर्टी टैक्स जिसे हम हाउस टैक्स के नाम से भी जानते हैं। यह एक प्रकार का टैक्स होता है जो किसी भी जमीन के मालिक पर नगरपालिका, ग्राम पंचायत एवं नगर निगम द्वारा लगाए जाने वाला कर ही प्रॉपर्टी टैक्स कहलाता है। ये प्रॉपर्टी टैक्स उन मालिकों पर लगता है जो कि शहर या नगर आदि में भू संपत्ति के मालिक होते हैं।
अगर आपने कोई जमीन , फ्लैट, मकान या बिल्डिंग खरीदा है तो आपको प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) देना होता है. किसी भी तरह की अचल संपत्ति पर प्रॉपर्टी टैक्स देना जरूरी है, जो संबंधित निकाय में जमा करना होगा। अचल संपत्ति के मालिक को छह महीने या फिर सालाना आधार पर Property Tax देना होता है ,लेकिन खाली प्लॉट या भूखंडों पर जिस पर कोई निर्माण नहीं हुआ है उन प्रॉपर्टी पर यह टैक्स लागू नहीं होता है।
हाउस टैक्स क्यों देना पड़ता है? Why do we have to pay house tax?
प्रॉपर्टी टैक्स स्थानीय स्तर पर रहने वाले लोगों पर लगाए जाने वाला कर है। प्रॉपर्टी टैक्स मुख्यतः नगरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों मलिक को जिनकी दुकान मकान इत्यादि होते हैं उन पर लगाया जाता है। यह कर उनसे इसलिए लिया जाता है जिससे उनके आसपास इलाके उनके नगर में सुविधाओं को उपलब्ध करा सके जिसमें आने जाने परिवहन की सुविधाओं के लिए सड़क का विकास सिविल लाइन बनवाना जिससे की गलियों एवं सड़कों पर पानी जमाना हो, सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगवाना एवं घूमने फिरने के लिए पार्क इत्यादि का बनवाना यह सब सरकार को दिए जाने वाले टैक्स की सहायता से ही करती है।
नगर एवं शहरों की साफ सफाई की सुविधा स्वच्छता का पूरा ध्यान रखने के लिए एवं अपने नगर के विकास के लिए हमें कर देना आवश्यक है। प्रॉपर्टी टैक्स केवल के मालिकों के द्वारा ही दी जाती है ना कि उसमें रहने वाले यह प्रयोग करने वाले लोगों से.
प्रॉपर्टी पर हमें कितना टैक्स देना पड़ता है? How Much Tax Do We Have To Pay On Property?
प्रॉपर्टी टैक्स की गणना नगर निगम के अधिकारियों द्वारा प्रॉपर्टी के मूल्य के अनुपात में की जाती है। प्रॉपर्टी टैक्स की गणना मुख्य रूप से तीन तरीकों से की जाती है :-
1. कैपिटल वैल्यू सिस्टम (CVS): इस में प्रॉपर्टी के बाजार मूल्य के आधार पर टैक्स को रखा जाता है. यह टेक्स सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है और प्रॉपर्टी कहां पर स्थित है। बाजार मूल्य को हर साल जांचते और प्रकाशित किया जाता है। मुंबई शहर में इसी प्रणाली से टैक्स वसूला जाता है.
2. एनुअल रेंटल वैल्यू सिस्टम या रैटेबल वैल्यू सिस्टम (RVS): इस प्रणाली के तहत, टैक्स की गणना प्रॉपर्टी के साल के किराए के आधार पर की जाती है। यहां किराया मूल्य से आशय वास्तव में किराए के रूप में वसूल की गई राशि नहीं है बल्कि यह राशि नगरपालिका प्राधिकरण द्वारा प्रॉपर्टी के आकार, स्थान, परिसर की स्थिति, जाने माने स्थानों से निकटता, सुविधाओं आदि के आधार पर तय किया गया किराया मूल्य होती है। हैदराबाद और चेन्नई की नगरपालिकाएं इस प्रणाली द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स का आकलन करती हैं।
3. यूनिट एरिया वैल्यू सिस्टम (UAS): इस प्रणाली में, प्रॉपर्टी के निर्मित क्षेत्र के प्रति इकाई/यूनिट मूल्य पर टैक्स लगाया जाता है। यह राशि प्रॉपर्टी के स्थान, भूमि की कीमत और उपयोग के अनुसार प्रॉपर्टी द्वारा दिए जाने वाले अपेक्षित रिटर्न के आधार पर तय की जाती है (प्रति वर्ग फुट प्रति माह), और फिर उसे इसके निर्मित क्षेत्र के साथ गुणा किया जाता है। दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, पटना और हैदराबाद जैसी नगरपालिकाएं प्रॉपर्टी टैक्स गणना के लिए इस प्रणाली का उपयोग करती हैं।
प्रॉपर्टी टैक्स न भरने पर क्या होता है? What happens if you don’t pay property tax?
अगर हम प्रॉपर्टी टैक्स देने में असमर्थ रहते हैं तो हमें उसे पेनल्टी या ब्याज की जरिए भरना पड़ता है। इसके पश्चात कमिश्नर द्वारा बोर्ड जारी होता है जिसमें हमें 21 दिनों में अपनी टैक्स के पैसे जमा करने होते हैं। अगर इसके पश्चात टैक्स फिर भी ना जमा किया जाए मालिक द्वारा तो उसकी संपत्ति जप्त हो जाती है। प्रॉपर्टी टैक्स के डिफॉल्टर का न सिर्फ मकान सीज किया जाएगा, बल्कि उससे जुड़ी अन्य चीजों और सामानों को भी सीज करने और उसे बेचकर टैक्स रिकवर करने का अधिकार नगर निकाय के पास होगा। इतना ही नहीं ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा भी दायर किया जाएगा और कुछ परिस्थितियों में उसे जेल भी भेजा जा सकता है.
क्या खाली जमीन पर भी टैक्स देना होता है? Do I have to pay tax on vacant land as well ?
जी नहीं, हमें किसी भी प्रकार की खाली भूमि पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं चुकाना होता है।
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प्रॉपर्टी टैक्स पर भुगतान कैसे करें? How to pay property tax?
हमें अपने टैक्स का भुगतान करने के लिए नगर निगम के ऑफिस या फिर एमसी ऑफिस से जुड़े बैंकों में अपने टैक्स का भुगतान करवा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के निवासी हैं और आप प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान ऑनलाइन करना चाहते हैं तो आप निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं।
चरण 1. उत्तर प्रदेश के संबंधित नगर निगम के आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
चरण 2. संपत्ति कर विकल्प देखें और उसे सेलेक्ट करें
चरण 3. आवश्यक विवरण भरे जैसे कि नाम संपत्ति आईडी इत्यादि
चरण 4. इसके पश्चात वह राशि चुने जो आप भुगतान करना चाहते हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने इस ब्लॉक में प्रॉपर्टी टैक्स या हाउस टैक्स के बारे में जाना प्रॉपर्टी टैक्स क्या होता है? (What Is Property Tax In Hindi?) इसको चुकाना क्यों महत्वपूर्ण होता है? इसको भरने से हमारे नगर एवं शहर के क्षेत्र में हमारी सुविधा अनुसार विकास होता है। अगर आपको प्रॉपर्टी टैक्स से संबंधित कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट करके भी पूछ सकते हैं अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर साझा करें।